राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन: भारत का तकनीकी भविष्य

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन: भारत का तकनीकी भविष्य

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन: भारत का तकनीकी भविष्य

भारत सरकार ने 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) की शुरुआत की ताकि देश को उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) क्षमताओं से सशक्त बनाया जा सके। यह मिशन भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति को मजबूती देता है, स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देता है और R&D, शिक्षा और सरकारी क्षेत्रों में क्रांति लाता है।


अनुक्रमणिका (Table of Contents)


मिशन का परिचय

NSM का उद्देश्य सुपरकंप्यूटिंग में भारत की प्रगति को गति देना और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना है। इसके तहत, 20 पेटा फ्लॉप तक की शक्ति वाले सुपरकंप्यूटरों की स्थापना की गई है। 1874 करोड़ रुपये की लागत से यह मिशन बुनियादी ढांचे, अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रबंधन को मजबूत करता है।


R&D में प्रभाव

देश के 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और R&D प्रयोगशालाओं में 10,000 से अधिक शोधकर्ता इस सुविधा से लाभान्वित हुए हैं। इन सुपरकंप्यूटिंग प्रणालियों का उपयोग दवा खोज, जलवायु मॉडलिंग, खगोलीय अनुसंधान और ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हुआ है।


मुख्य उपलब्धियाँ

  • 1 करोड़ से अधिक गणक कार्य पूरे किए गए
  • 1,500+ रिसर्च पेपर प्रकाशित
  • 22,000+ लोग HPC और AI में प्रशिक्षित
  • टियर II और III शहरों के शोधकर्ताओं को विशेष अवसर


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त्रिनेत्र नेटवर्क

सी-डैक द्वारा विकसित “त्रिनेत्र” एक स्वदेशी हाई-स्पीड नेटवर्क है जो कंप्यूटिंग नोड्स के बीच संचार को बेहतर बनाता है। त्रिनेत्र-बी की स्पीड 200 Gbps है और यह भारत की HPC क्षमताओं को वैश्विक स्तर तक पहुंचाता है।


परम रुद्र सुपरकंप्यूटर

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन “परम रुद्र” सुपरकंप्यूटर समर्पित किए हैं, जिन्हें पुणे, दिल्ली और कोलकाता में स्थापित किया गया है। यह भारत में निर्मित पहले पूर्ण स्वदेशी HPC सर्वर “रुद्र” पर आधारित हैं।


मिशन की संरचना

  1. चरण 1: आयातित घटकों की सीमित मदद से सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना
  2. चरण 2: स्थानीय सॉफ्टवेयर स्टैक और हार्डवेयर में 40% मूल्य संवर्धन
  3. चरण 3: पूर्ण स्वदेशीकरण – भारत में डिजाइन और विनिर्माण

सेमीकंडक्टर मिशन और भविष्य

भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन NSM को समर्थन प्रदान कर रहा है ताकि प्रोसेसर, मेमोरी और त्वरकों का देश में निर्माण हो सके। भारत अब HPC क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है।


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