बालोद कलेक्टर का अनोखा आदेश: बिना हेलमेट शराब बिक्री पर रोक

बालोद कलेक्टर का बड़ा फैसला: बिना हेलमेट नहीं मिलेगी शराब, दुकानों पर लगेगा सख्त आदेश का बोर्ड

बिना हेलमेट नहीं मिलेगी शराब, दुकानों पर लगेगा सख्त आदेश का बोर्ड



सड़क हादसों पर रोक और सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए अनोखी पहल, शराब की दुकानों पर लागू होगा नया नियम

बालोद, छत्तीसगढ़ — बालोद जिले में एक अनोखी और सख्त पहल की शुरुआत हुई है, जो सड़क सुरक्षा और जनजागरूकता दोनों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। अब जिले की किसी भी सरकारी शराब दुकान से बिना हेलमेट पहने बाइक सवार ग्राहक को शराब नहीं बेची जाएगी। इस नए नियम को लागू करने का आदेश खुद महिला आईएएस अधिकारी और बालोद कलेक्टर ने दिया है।

कलेक्टर ने साफ निर्देश जारी करते हुए कहा है कि “यदि कोई ग्राहक शराब खरीदने आता है और उसके पास हेलमेट नहीं है, तो उसे तुरंत मना कर दिया जाए। यह नियम सभी के लिए समान रूप से लागू होगा।” आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी दुकानों के बाहर स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखे बोर्ड लगाए जाएं, जिसमें यह नियम लिखा हो ताकि किसी को भी भ्रम न रहे।

नियम का उद्देश्य

इस नियम के पीछे प्रशासन का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है। हेलमेट पहनना हर बाइक और स्कूटर सवार के लिए अनिवार्य है, लेकिन अक्सर लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। बालोद प्रशासन का मानना है कि जब तक लोग अपने रोज़मर्रा के कामों और आदतों में हेलमेट को शामिल नहीं करेंगे, तब तक सड़क हादसों में कमी नहीं आ सकती।

यह कदम एक तरह से सड़क सुरक्षा के लिए अप्रत्यक्ष दबाव बनाने जैसा है, ताकि लोग न केवल ट्रैफिक पुलिस से डरकर बल्कि अपनी आदत से हेलमेट पहनना शुरू करें।

लागू करने की प्रक्रिया

  • जिले की सभी शराब दुकानों को लिखित आदेश भेजा गया है।
  • दुकान के बाहर कम से कम 2x3 फीट का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा, जिस पर लिखा होगा — “बिना हेलमेट शराब नहीं मिलेगी।”
  • यदि कोई दुकान इस आदेश का पालन नहीं करती, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करने तक का प्रावधान है।
  • आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस मिलकर अचानक निरीक्षण करेंगे।

स्थानीय प्रतिक्रिया

इस आदेश को लेकर लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह “सड़क सुरक्षा के लिए सही और साहसी कदम” है, जबकि कुछ का मानना है कि “शराब और हेलमेट का सीधा संबंध नहीं है।” हालांकि, प्रशासन का तर्क है कि यह सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का एक तरीका है।

शहर के एक बाइक सवार ने कहा, “अक्सर लोग हेलमेट घर पर ही छोड़ देते हैं। अगर इस नियम से उनकी आदत बदलती है, तो यह अच्छा है।” दूसरी ओर, एक दुकान संचालक ने कहा कि “शुरुआत में ग्राहकों को समझाना मुश्किल होगा, लेकिन अगर प्रशासन सख्ती से लागू करेगा, तो लोग मान जाएंगे।”

छत्तीसगढ़ में पहली बार

छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है जब शराब बिक्री को सड़क सुरक्षा से जोड़ा गया है। अन्य राज्यों में भी हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे नियम लागू हैं, लेकिन उन्हें शराब बिक्री से जोड़ना एक नया और अनोखा प्रयोग है।

संभावित असर

यदि यह योजना सफल होती है, तो इससे सड़क हादसों में कमी आ सकती है। पिछले साल बालोद जिले में बाइक दुर्घटनाओं में 35% मौतें हेलमेट न पहनने की वजह से हुई थीं। प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल शराब खरीदने वाले लोग बल्कि उनका सामाजिक दायरा भी हेलमेट पहनने की आदत डालेगा।

निष्कर्ष

बालोद जिले का यह फैसला सख्त जरूर है, लेकिन इसका उद्देश्य स्पष्ट है — लोगों की जान बचाना। यदि लोग इस आदेश को समझें और अपनाएं, तो यह एक मिसाल बन सकता है जिसे पूरे छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।


📌 स्रोत: Navbharat Times

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✍ लेखक: Daily Viral News Dalli Team | 📅 प्रकाशन तिथि: 10 अगस्त 2025

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