भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में नए संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार रात तक देश में 1,010 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे। यह भले ही बड़ी संख्या न हो, लेकिन विशेषज्ञ इसे लेकर चिंतित हैं।
क्या मिला नया वेरिएंट?
तमिलनाडु से लिए गए एक सैंपल में कोरोना वायरस का नया सबवेरिएंट NB.1.8.1 पाया गया है। यह वेरिएंट JN.1 वंश से जुड़ा हुआ है और इसे INSACOG को आगे की जांच के लिए भेजा गया है। अभी तक इसके कारण रोग की गंभीरता बढ़ने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
क्या है मामलों में बढ़ोतरी की वजह?
वर्तमान में कोविड-19 मामलों में वृद्धि कई कारणों से हो रही है:
- कम होती प्रतिरक्षा: पिछले संक्रमण और टीकाकरण के प्रभाव समय के साथ कम हो जाते हैं, जिससे बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में पुनः संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
- नया वेरिएंट: वायरस का लगातार म्यूटेशन होना, जैसे कि NB.1.8.1 का उभरना, यह दर्शाता है कि संक्रमण का खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
- मौसमी असर: वर्षा ऋतु और हवा में अधिक नमी कोविड-19 सहित श्वसन संक्रमणों के प्रसार के लिए अनुकूल होते हैं।
- कम टेस्टिंग और निगरानी: कोविड को स्थानिक मानने के बाद से टेस्टिंग और जीनोमिक अनुक्रमण में भारी कमी आई है, जिससे नए वेरिएंट्स की पहचान में देरी हो रही है।
- सावधानी में कमी: मास्क पहनने और सामाजिक दूरी जैसे नियमों को अब अधिकतर लोग नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ गया है।
भारत में स्थिति कैसी है?
हालांकि यह वृद्धि अभी सीमित भौगोलिक क्षेत्रों तक ही सीमित है, लेकिन चिंता का विषय जरूर है।
वर्तमान में:
- केरल में सबसे अधिक – 43% सक्रिय मामले
- महाराष्ट्र में – 21%
- दिल्ली, गुजरात, और तमिलनाडु में क्रमशः 10%, 8% और 7%
19 मई से महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में हुई छह मौतों की पुष्टि COVID-19 से नहीं हुई है, लेकिन इसकी जांच जारी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारी
संक्रमण की बेहतर निगरानी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगामी दो हफ्तों में लक्षण वाले लोगों की टेस्टिंग बढ़ाने की योजना बनाई है। इससे समय पर संक्रमण का पता लग सकेगा और नियंत्रण संभव होगा।
क्या आपको चिंतित होना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।
विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक आयु वाले या पहले से बीमारियों से ग्रस्त लोगों को चाहिए कि वे:
- भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
- हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें
- लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करें
- डॉक्टर से सलाह लेकर बूस्टर डोज़ लें
अभी कौन से वेरिएंट सक्रिय हैं?
वर्तमान में भारत में JN.1 और BA.2 सबसे ज़्यादा पाए जाने वाले स्ट्रेन हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) JN.1 को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट मानता है, जबकि NB.1.8 और LF.7 जैसे सात वेरिएंट्स को वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग के रूप में ट्रैक किया जा रहा है। हालांकि, अभी किसी को भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं घोषित किया गया है।
दुनिया में भी बढ़ रहे हैं मामले
भारत ही नहीं, सिंगापुर और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भी कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, सिंगापुर में मई के पहले सप्ताह में मामलों में 30% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामले एक चेतावनी की तरह हैं कि वायरस पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। भले ही स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सावधानी और जागरूकता ही आगे की रक्षा कर सकती है।
हम सभी को चाहिए कि हम स्वास्थ्य नियमों का पालन करें और अपने साथ-साथ समाज की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
सावधानी ही सुरक्षा है!
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