बालोद। जिले में आज एक अलग ही दृश्य देखने को मिला जब बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) के सैकड़ों छात्रों ने अपने भविष्य और अधिकारों की मांग को लेकर शहर की सड़कों पर पैदल मार्च
क्या है छात्रों की मांग?
बीएड और डीएड छात्र लंबे समय से नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता, नियमित रोजगारप्रशिक्षण के बाद सरकारी स्कूलों में नियुक्ति
छात्रों ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण पूरा करने के बावजूद वे बेरोजगारशिक्षा विभाग
पैदल मार्च का उद्देश्य
इस पैदल मार्च का मुख्य उद्देश्य था सरकार और शिक्षा विभाग तक अपनी आवाज को पहुंचाना। छात्रों का कहना है कि वे बार-बार ज्ञापन सौंपते रहे हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए अब वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं।
मार्च की शुरुआत शहर के मुख्य चौक से हुई और यह कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचा। वहां छात्रों ने अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को दोहराया।
🧾 मुख्य समस्याएं जो छात्रों ने रखीं:
- प्रशिक्षण के बाद भी रोजगार की कोई गारंटी नहीं।
- सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों के बावजूद नियमित भर्तियां नहीं हो रहीं।
- संविदा भर्ती की नीतियां छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं।
- प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाले स्टाइपेंड और सुविधा की कमी।
- सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों की मांग के बावजूद बेरोजगारी।
👥 छात्रों की भावना
इस पैदल मार्च में हिस्सा लेने वाले एक छात्र ने कहा, “हमने शिक्षक बनने के लिए मेहनत की, डिग्रियां लीं, लेकिन जब नौकरी की बारी आती है तो सरकार मौन हो जाती है। यह हमारे साथ अन्याय है।”
एक छात्रा ने कहा, “हम किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं निकले हैं, हम बस अपने हक की मांग कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारी शिक्षा और योग्यता का सही उपयोग हो।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
छात्रों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। हालांकि, छात्रों ने यह स्पष्ट किया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
बीएड और डीएड छात्रों का यह मार्च केवल एक विरोध नहीं, बल्कि एक व्यवस्था को जगाने की कोशिश
सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि इन योग्य युवाओं की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करें।
✍️ रिपोर्ट - Daily Viral News Dalli
👉 इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होता है। प्रेरणा साहित्य समिति का यह प्रयास सराहनीय है।
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