🏞️ रामगढ़ पहाड़ी, सरगुजा – छत्तीसगढ़ का पौराणिक और ऐतिहासिक खजाना
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ पहाड़ी न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य है, बल्कि यह ऐतिहासिक, पौराणिक और साहित्यिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थान अंबिकापुर–बिलासपुर मार्ग पर स्थित है और प्राचीन काल से "रामगिरि" के नाम से भी जाना जाता रहा है।
🕉️ रामायण से जुड़ा यह रहस्यमय स्थल
रामगढ़ पहाड़ी की विशेषता यह है कि इसका आकार एक टोपी (HAT) की तरह दिखाई देता है। मान्यता है कि भगवान राम, अपने वनवास काल में भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ यहां कुछ समय के लिए रुके थे। यही कारण है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पूजनीय माना जाता है।
- 👉 "जोगी मारा" – भगवान राम के तपस्वी स्वरूप से जुड़ा स्थल।
- 👉 "सीता बेंगरगा" – माता सीता की उपस्थिति को समर्पित स्थान।
- 👉 "लक्ष्मण गुफा" – लक्ष्मण जी से जुड़ी एक ऐतिहासिक गुफा।
📚 महाकवि कालिदास से भी है जुड़ाव
रामगढ़ पहाड़ी को लेकर यह भी मान्यता है कि महाकवि कालिदास ने यहीं पर अपने कुछ महान साहित्यिक रचनाएं रची थीं। यही कारण है कि यह स्थान शोध और अध्यात्म के लिए एक विशेष केन्द्र बन चुका है।
🛣️ रामगढ़ कैसे पहुंचें? (Ramgarh Hill Travel Guide)
✈️ हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा: दरिमा एयरपोर्ट, अंबिकापुर
🚆 रेल मार्ग:
- नजदीकी स्टेशन: अंबिकापुर रेलवे स्टेशन
- स्टेशन से टैक्सी या लोकल बस सेवा उपलब्ध
🚌 सड़क मार्ग:
- अंबिकापुर बस स्टैंड से दूसरी बस या टैक्सी के माध्यम से रामगढ़ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
🌅 क्यों जाएं रामगढ़ पहाड़ी?
- प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण
- ऐतिहासिक गुफाएँ और पौराणिक स्थल
- धार्मिक श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव
- साहित्यिक और पुरातात्विक महत्व
📍 नोट: यह स्थल धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक बेहतरीन गंतव्य है।
लेखक: DAILYVIRALNEWSDILLI
श्रेणी: छत्तीसगढ़ पर्यटन | ऐतिहासिक स्थल
तिथि: 22 अप्रैल 2025
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