एक किसान के बेटे की IAS बनने की सच्ची प्रेरणादायक कहानी
यह कहानी है राकेश की, जो मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ था। उसके पिता एक मामूली किसान थे और घर में गरीबी का आलम था। खेतों में काम करते हुए पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन राकेश का सपना था – IAS अधिकारी बनना।
कठिनाइयों से भरा रास्ता
राकेश को स्कूल जाने के लिए रोज़ 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। कई बार पेट खाली होता, लेकिन उसकी आँखों में उम्मीदें जिंदा थीं।
पढ़ाई का जुनून
गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए उसने 12वीं बोर्ड में टॉप किया। फिर उसने ग्रेजुएशन के लिए स्कॉलरशिप के जरिए शहर का रुख किया और साथ ही IAS की तैयारी शुरू की।
संघर्ष से सफलता तक
तीन बार फेल होने के बाद भी उसने हार नहीं मानी। चौथी बार की कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ने उसे IAS बना दिया। आज वह अपने ही जिले में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत है।
सीख क्या मिलती है?
- गरीबी कभी भी सपनों की सीमा नहीं बन सकती।
- बार-बार की असफलता भी सफलता के दरवाजे खोलती है।
- संघर्ष और विश्वास ही असली ताकत है।
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Disclaimer: यह कहानी एक सच्ची घटना से प्रेरित है, जिसे मोटिवेशनल उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।
लेखक: Dailyviralnewsdalli.in
श्रेणी: Stories , कहानियाँ
तारीख: 30 अप्रैल 2025
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