ये निष्कर्ष ऐसे समय में सामने आए हैं जब नियामक उपायों को कड़ा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बढ़ते उपभोक्ता ऋण और बढ़ते घरेलू ऋण पर अंकुश लगाना है, जो परिसंपत्ति सृजन के बजाय उपभोग को बढ़ावा दे रहा है।
भारत में डिजिटल भुगतान: एक तिहाई लेन-देन क्रेडिट कार्ड और EMI के माध्यम से
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