शिविर के तीसरे दिन प्रतिभागी युवाओं ने दल्लीराजहराा के मुख्य चौक से जागरूकता रैली निकाली, जिसमें युवाओं ने व्यसन मुक्ति के लिए नुक्कड़ नाटक, नारेबाजी और प्रतीकात्मक प्रदर्शन किए।
रैली में ‘नशेड़ी लाल’ की शव यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा व्यक्ति, परिवार और समाज को किस तरह प्रभावित करता है। युवाओं ने सामूहिक रूप से व्यसनमुक्त समाज की अपील करते हुए अनेक संदेशों के माध्यम से आमजन को जागरूक किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि ‘स्वस्थ और स्वावलंबी युवा ही राष्ट्र निर्माण की नींव है’। नशा व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से कमजोर करता है।
इस शिविर में जल संरक्षण, स्वच्छता, मानसिक विकास, व्यक्तित्व निर्माण और सेवा भाव जैसे विषयों पर प्रशिक्षण और संवाद सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
शिविर को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और शांतिकुंज प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।
संपादकीय टिप्पणी: इस प्रकार के आयोजनों से युवाओं में सकारात्मक सोच उत्पन्न होती है और समाज को नशा जैसे गंभीर सामाजिक बुराई से लड़ने की प्रेरणा मिलती है।
रिपोर्ट: दल्लीराजहरा संवाददाता | स्रोत: हरिभूमि समाचार पत्र
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