गंभीर मानसिक रोग सिज़ोफ्रेनिया: करें प्रॉपर केयर-मेडिकल ट्रीटमेंट

गंभीर मानसिक रोग सिज़ोफ्रेनिया: करें प्रॉपर केयर-मेडिकल ट्रीटमेंट
गंभीर मानसिक रोग सिज़ोफ्रेनिया: करें प्रॉपर केयर-मेडिकल ट्रीटमेंट


स्थान: वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे, 24 मई

यह सच है कि सिज़ोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी के इलाज में दवाओं के अलावा केयर और समझ की बहुत ज़रूरत होती है। सिज़ोफ्रेनिया एक मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से कट जाता है। रोगी को भ्रम होते हैं, वह असामान्य व्यवहार करता है और कई बार दूसरों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

मुख्य लक्षण

  • भ्रम (delusions)
  • हेलुसिनेशन (जैसे आवाज़ें सुनाई देना)
  • सोचने में दिक्कत
  • व्यवहार में बदलाव
  • भावनात्मक प्रतिक्रियाओं की कमी

रिस्क फैक्टर्स

सिज़ोफ्रेनिया के होने के पीछे जेनेटिक, न्यूरोलॉजिकल और पर्यावरणीय कारण हो सकते हैं। यदि किसी के परिवार में यह रोग रहा है तो रिस्क बढ़ जाता है। अत्यधिक तनाव, नशे की लत, और बचपन में मानसिक आघात भी इसके कारक बन सकते हैं।

इलाज के तरीके

  1. दवाएं: एंटी-साइकोटिक मेडिकेशन से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
  2. साइकोथेरेपी: रोगी की सोच और व्यवहार को सुधारने के लिए टॉक थेरेपी ज़रूरी होती है।
  3. समर्थन प्रणाली: परिवार और समाज की सकारात्मक भूमिका इलाज में बेहद सहायक होती है।

लाइफस्टाइल में बदलाव से राहत

  • स्वस्थ आहार लें
  • नियमित व्यायाम करें
  • नींद पूरी लें
  • तनाव से दूर रहें

रोगी के लिए ज़रूरी है सही देखभाल

सिज़ोफ्रेनिया का इलाज लंबा चलता है। इसमें धैर्य और नियमित फॉलो-अप की ज़रूरत होती है। परिवार को रोगी की भावनाओं को समझना होगा और समाज में जागरूकता फैलानी होगी ताकि ऐसे रोगी उपेक्षा का शिकार न बनें।

विशेषज्ञ सुझाव: सही डायग्नोसिस, प्रॉपर ट्रीटमेंट और समय पर मेडिकल हस्तक्षेप से सिज़ोफ्रेनिया जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

खान-पान का भी रखें ध्यान

फल, हरी सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।

लेखक: डॉ. अमरेंद्र कुमार, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ, केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, रांची

यह लेख वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे (24 मई) के उपलक्ष्य में जागरूकता हेतु प्रकाशित किया गया है।

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