छत्तीसगढ़ बोर्ड के नतीजों में रायपुर के स्कूलों का प्रदर्शन चिंताजनक। आइए जानें 10वीं और 12वीं के परिणामों की विस्तृत समीक्षा और सुधार के उपाय।
रायपुर में बोर्ड परीक्षा परिणाम: एक चिंताजनक स्थिति
छत्तीसगढ़ बोर्ड के हालिया परिणामों ने रायपुर के स्कूलों के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नवभारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर जिले के स्कूलों में बोर्ड परीक्षा के परिणाम काफी खराब रहे हैं। इस साल 60% से ज्यादा छात्र फेल हो गए हैं, जो शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। रायपुर जिले में 10वीं की परीक्षा में पास प्रतिशत मात्र 33% रहा, जबकि 32% छात्र 12वीं में पास हुए। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि तत्काल सुधार की मांग करती है।
जिलेवार प्रदर्शन: कहां है कमी?
रायपुर जिले के स्कूलों का प्रदर्शन अन्य जिलों की तुलना में भी काफी कमजोर रहा है। जहां रायपुर में 10वीं का पास प्रतिशत 33% और 12वीं का 32% है, वहीं अन्य जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए:
- जांजगीर-चांपा: 10वीं में 71.64% और 12वीं में 79.94% छात्र पास
- धमतरी: 10वीं में 72.0% और 12वीं में 81.56% छात्र पास
- गरियाबंद: 10वीं में 80.70% और 12वीं में 90.17% छात्र पास
इन आंकड़ों से साफ है कि रायपुर के स्कूलों को अपनी शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की जरूरत है।
कक्षा-वार परिणाम: 10वीं और 12वीं में कितने पास?
रायपुर जिले के स्कूलों में कक्षा 10वीं और 12वीं दोनों के परिणाम निराशाजनक रहे हैं। कक्षा 10वीं में जहां 40% से भी कम छात्र पास हुए, वहीं 12वीं में यह आंकड़ा 32.50% तक गिर गया। कुछ स्कूलों का प्रदर्शन तो और भी खराब रहा, जैसे:
- अभनपुर पुर ब्लॉक: 37% (10वीं), 24% (12वीं)
- भैसा: 30% (10वीं), 27.9% (12वीं)
- पंडरी: 37.50% (10वीं), 32.50% (12वीं)
दूसरी ओर, नवीन सर्वोदयी स्कूल ने 31.70% पास प्रतिशत के साथ थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन यह भी संतोषजनक नहीं है।
खराब प्रदर्शन के पीछे क्या हैं कारण?
रायपुर के स्कूलों के खराब प्रदर्शन के कई कारण हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, संसाधनों का अभाव, और तकनीकी शिक्षा की अनुपस्थिति प्रमुख वजहें हैं। इसके अलावा, छात्रों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता की कमी और अभिभावकों का ध्यान न देना भी इस स्थिति को और गंभीर बनाता है। कई स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं, जैसे लाइब्रेरी और लैब, का अभाव है, जिसके कारण छात्रों को प्रैक्टिकल ज्ञान नहीं मिल पाता।
सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
रायपुर के स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
- शिक्षकों की भर्ती: स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।
- संसाधनों की उपलब्धता: लाइब्रेरी, लैब, और डिजिटल संसाधनों को बढ़ावा देना चाहिए।
- जागरूकता अभियान: अभिभावकों और छात्रों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना चाहिए।
- तकनीकी शिक्षा: आधुनिक तकनीक और डिजिटल लर्निंग को स्कूलों में लागू करना चाहिए।
रायपुर जिले के स्कूलों में बोर्ड परीक्षा के परिणाम शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हैं। 60% से ज्यादा छात्रों का फेल होना चिंता का विषय है। यदि समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। सरकार, स्कूल प्रशासन, और अभिभावकों को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा ताकि भविष्य में बेहतर परिणाम देखने को मिलें।
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