ब्रह्मांड की शुरुआत का सुराग: क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा बूंदों का ताज़ा सबूत

ब्रह्मांड की शुरुआत का सुराग: क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा बूंदों का ताज़ा सबूत


क्या ब्रह्मांड की उत्पत्ति के कुछ ही पलों बाद का दृश्य आज वैज्ञानिकों ने दोबारा देख लिया है? क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (Quark-Gluon Plasma - QGP), जो पदार्थ की वही प्रारंभिक अवस्था मानी जाती है जिसने बिग बैंग के तुरंत बाद पूरे ब्रह्मांड को भर दिया था, अब वैज्ञानिकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से देखी गई है – और वह भी छोटे आयनों की टक्कर से!

क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा क्या है?

क्वार्क और ग्लूऑन वो बुनियादी कण हैं जो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन जैसे कणों को बनाते हैं। सामान्यतः ये दोनों एक-दूसरे से क्वांटम क्रोमोडायनामिक्स (QCD) बलों से बंधे होते हैं। लेकिन QGP वह अवस्था है जब इनका आपसी बंधन टूट जाता है और ये एक स्वतंत्र, ऊर्जावान सूप के रूप में रहते हैं।

यह वही स्थिति मानी जाती है जो बिग बैंग के कुछ माइक्रोसेकंड बाद मौजूद थी। इसलिए इसे ब्रह्मांड की 'प्रारंभिक अवस्था' के रूप में जाना जाता है।

PHENIX प्रयोग से मिला नया सबूत

अमेरिका के ब्रूकहेवन नेशनल लैबोरेटरी में स्थित RHIC (Relativistic Heavy Ion Collider) पर चल रहे PHENIX प्रयोग से जो हालिया डेटा आया है, उसने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। अब तक यह माना जाता था कि केवल भारी आयनों जैसे सोने या लेड की टक्कर से ही QGP बन सकता है। लेकिन इस नए अध्ययन में छोटे कणों जैसे प्रोटॉन और ड्यूटेरॉन की टक्कर से भी QGP बनने के संकेत मिले हैं।

इसका मतलब यह हो सकता है कि QGP की छोटी बूंदें इन टक्करों से उत्पन्न हो रही हैं।

QGP बनने का प्रमाण क्या है?

  • प्रयोग में यह पाया गया कि उच्च-ऊर्जा वाले कण टक्कर के बाद अपनी ऊर्जा और गति खो रहे हैं।
  • यह वही व्यवहार है जो QGP में प्रवेश करने पर देखा जाता है – जिसे "Jet Quenching" कहा जाता है।
  • साथ ही, कणों की दिशा में बहाव (flow pattern) ऐसा है जो तरल जैसे व्यवहार को दर्शाता है – एक और QGP की विशेषता।

इस खोज का महत्व क्या है?

यह खोज ब्रह्मांड की उत्पत्ति के अध्ययन में एक नया द्वार खोलती है। यदि QGP छोटे पैमानों पर भी बन सकता है, तो इसका मतलब है कि हम कम संसाधनों और कम ऊर्जा में भी शुरुआती ब्रह्मांड की स्थितियों का अध्ययन कर सकते हैं।

यह भौतिकी की स्टैंडर्ड मॉडल की समझ को भी विस्तार देता है, विशेषकर क्वांटम क्रोमोडायनामिक्स (QCD) के क्षेत्र में।

क्या यह ब्रह्मांड की कहानी को फिर से लिखेगा?

संभावना है! यह खोज दर्शाती है कि QGP जैसी जटिल अवस्था को उत्पन्न करना उतना दुर्लभ नहीं है जितना पहले सोचा गया था। इससे यह संकेत मिलता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत में हुई घटनाएँ हर स्तर पर दोहराई जा सकती हैं – यदि परिस्थितियाँ अनुकूल हों।

और जानें:

इस खोज के बारे में अधिक जानकारी Phys.org की रिपोर्ट में पढ़ें।


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लेखक: डेली वायरल न्यूज़ डल्ली | Source: PHENIX Collaboration via Phys.org

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