स्थान: कुसुमकसा, डोंडी विकासखंड
रिपोर्ट: डेली वायरल न्यूज़ दल्ली
शिविर में केवल औपचारिकता निभाई गई?
डोंडी विकासखंड के कुसुमकसा हाई स्कूल मैदान में आयोजित सुशासन शिविर के अंतर्गत ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने और निवारण के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति किए जाने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुसुमकसा, गिधाली, ककरेल,अरमुर्कसा, पथराटोला ,कारूटोला, बिटल, खम्हारटोला ,धोबेडांड, चिपरा, रजही और अन्य गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्याओं के आवेदन लेकर पहुँचे, लेकिन मौके पर उन पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
अधिकारियों की गैर-मौजूदगी पर सवाल
शिविर में कई जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित नहीं थे, जिससे ग्रामीणों में निराशा फैली। आवेदन लेने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि सुशासन शिविर सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है।
शिविर में आवेदन और संकल्पना
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पंचायत स्तर पर कुल 879 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 455 आवेदन का निराकरण किया गया और शेष प्रक्रियाधीन हैं। राजस्व विभाग से संबंधित 174, स्वास्थ्य से 59, शिक्षा से 26, खाद्य से 215, पंचायत से 80, पशुपालन से 47 आवेदन आए थे। हालांकि इनमें से अधिकांश का समाधान सिर्फ फॉर्म पर हस्ताक्षर तक ही सीमित रहा।
नोडल अधिकारी का बयान
नोडल अधिकारी व सीईओ जनपद पंचायत तोलसिंह साहू ने कहा कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है और जो भी समस्याएं हैं, उन्हें विभागवार पोर्टल पर फीड किया गया है। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यवाही की गई है और जनता से अपील की गई है कि वे अपनी शिकायतों की स्थिति ऑनलाइन वेबसाइट पर जांच सकते हैं।
इसे भी पढ़े:- दल्लीराजहरा में पालिका ने वर्षा पूर्व की नालियों की सफाई |
इसे भी पढ़े:- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 37 जोड़ों का हुआ विवाह
सांस्कृतिक आयोजन और पुरस्कार वितरण
शिविर के दौरान छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा और छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। विभिन्न विभागों द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्राम पंचायतों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
हालांकि शिविर का उद्देश्य जनसमस्याओं का समाधान करना था, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि केवल कागजी कार्यवाही कर शिविर संपन्न किया गया। यह सवाल उठता है कि क्या सुशासन शिविर वास्तव में "सुशासन" का परिचायक है, या सिर्फ औपचारिकता का नाम?
शिविरों का असली उद्देश्य तभी सफल होगा जब आवेदन लेने के साथ-साथ उन पर त्वरित और पारदर्शी कार्यवाही हो।
Tags: कुसुमकसा, डोंडी, सुशासन शिविर, ग्राम पंचायत, आवेदन, छत्तीसगढ़ समाचार, प्रशासनिक कार्यवाही
Source: Daily Viral News Dalli | Image Courtesy: Local News Report
0 Comments