बदलते मौसम, एलर्जी या वायरल संक्रमण के कारण जुकाम और खांसी होना आम बात है। बार-बार दवाइयां लेने की बजाय आप कुछ असरदार आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं, जो न सिर्फ लक्षणों को कम करते हैं, बल्कि इम्यूनिटी भी मजबूत बनाते हैं। यहां हम आपको 7 सबसे असरदार आयुर्वेदिक घरेलू इलाज, उनके फायदे और इस्तेमाल का तरीका विस्तार से बता रहे हैं।
नोट: यह जानकारी सामान्य गाइड के लिए है। अगर लक्षण गंभीर हैं या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
आयुर्वेद के अनुसार जुकाम-खांसी का कारण
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ – इन तीनों दोषों का संतुलन बिगड़ने से बीमारियां होती हैं। जुकाम और खांसी में आमतौर पर कफ और पित्त बढ़ जाते हैं, जिससे नाक बंद, बलगम, गले में खराश और खांसी की समस्या होती है।
7 आयुर्वेदिक घरेलू इलाज
1. तुलसी – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी
- तुलसी के पत्तों में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- यह बलगम को बाहर निकालती है और सांस लेना आसान बनाती है।
- सुबह 4-5 ताजे तुलसी के पत्ते चबाएं।
- तुलसी का काढ़ा: पानी में तुलसी के पत्ते, अदरक, काली मिर्च, काला नमक और नींबू डालकर 10 मिनट उबालें, छानकर गर्म पिएं।
- तुलसी की चाय: पानी में तुलसी के पत्ते डालकर उबालें, छानकर नींबू रस मिलाएं और गर्म पिएं।
2. शहद – गले की खराश और खांसी में राहत
- शहद में एंटीबैक्टीरियल और कफ शामक गुण होते हैं, जो गले की खराश और खांसी में तुरंत आराम देते हैं।
- यह बलगम को ढीला करता है और छाती की जकड़न कम करता है।
- रात में सोने से पहले 1 चम्मच शहद लें।
- 1 चम्मच शहद में 1 चम्मच अदरक का रस और चुटकीभर काली मिर्च मिलाकर लें।
3. मुलेठी – गले और खांसी के लिए कारगर
- मुलेठी बलगम को पतला करती है और गले की सूजन कम करती है।
- यह गले में खराश और खांसी में राहत देती है।
- 1 चम्मच मुलेठी पाउडर 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
- मुलेठी चाय: मुलेठी की जड़, अदरक और टी बैग को पानी में उबालें और पिएं।
- मुलेठी काढ़ा: मुलेठी पाउडर, दालचीनी, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में उबालें, शहद मिलाकर पिएं।
4. पिपली – बलगम और सिरदर्द में राहत
- पिपली बलगम को ढीला करती है और सिरदर्द, जुकाम में आराम देती है।
- एक चुटकी पिपली चूर्ण 1 चम्मच शहद के साथ दिन में 1-2 बार लें।
5. सौंठ – सूखी खांसी और गले की सूजन में फायदेमंद
- सौंठ (सूखी अदरक) में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की सूजन और खांसी में राहत देते हैं।
- 1/4 चम्मच सौंठ में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें।
- सौंठ की गोली: देसी घी, गुड़ और सौंठ पाउडर मिलाकर छोटी गोलियां बनाएं, दिन में दो बार लें।
6. दालचीनी – एंटीवायरल और गले की खराश में असरदार
- दालचीनी में एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो वायरस से लड़ने और गले की खराश कम करने में मदद करते हैं।
- काली चाय में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में 2-3 बार पिएं।
- 1 चम्मच शहद में 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में दो बार लें।
7. गिलोय – इम्यूनिटी बूस्टर और एलर्जी में लाभकारी
- गिलोय एलर्जी, जुकाम, खांसी और टॉन्सिल की सूजन में फायदेमंद है।
- यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।
- सुबह खाली पेट 2 चम्मच गिलोय का रस गर्म पानी के साथ लें।
- गिलोय की गोली भी गर्म पानी के साथ ली जा सकती है।
जुकाम और खांसी से बचाव के उपाय
- हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- चेहरे, आंखों और नाक को छूने से बचें।
- भीड़-भाड़ या बीमार लोगों से दूरी बनाएं।
- मास्क पहनें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- गर्म पेय और पर्याप्त पानी पिएं।
- भरी नाक के लिए यूकेलिप्टस ऑयल की स्टीम लें।
- विटामिन C युक्त फल और सब्जियां खाएं।
- एक्सरसाइज या योग करें ताकि इम्यूनिटी मजबूत रहे।
आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे जुकाम और खांसी में तुरंत राहत देने के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं। तुलसी, शहद, मुलेठी, पिपली, सौंठ, दालचीनी और गिलोय – ये सभी जड़ी-बूटियां सदियों से आजमाई जा रही हैं और सुरक्षित हैं। इन्हें अपने रूटीन में शामिल करें और स्वस्थ रहें।
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