पाटेश्वर धाम, छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो अपनी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर डौंडीलोहारा ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 21 किमी दूर स्थित है और यहाँ का 108 फीट ऊँचा मंदिर निर्माणाधीन है, जिसकी शुरुआत 29 जनवरी 2005 को हुई थी।
पाटेश्वर धाम: एक आध्यात्मिक यात्रा
🔨 निर्माण और वास्तुकला
मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से लाए गए लाल रंग के पत्थरों से किया जा रहा है, जो इसकी भव्यता और सौंदर्य को बढ़ाते हैं। इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹25 करोड़ अनुमानित है, जिसमें से अब तक ₹8 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। मंदिर के प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो चुका है और वर्तमान में दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है।
🗿 मूर्तियाँ और विशेषताएँ
मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति स्थापित की गई है। इसके अलावा, मंदिर की दीवारों पर अष्टवस्तु, पंचकन्या, यक्षगंधर्व और 108 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी, जिनमें से 44 मूर्तियाँ पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं। इन मूर्तियों में विभिन्न हिंदू धर्म गुरुओं और सर्व समाज के प्रतिनिधियों की प्रतिमाएँ भी शामिल हैं।
🔔 अद्भुत विशेषताएँ
-
हवा में लटकी घंटी: मंदिर के प्रवेश द्वार पर 51 किलो की एक विशाल घंटी हवा में लटकी हुई होगी, जो किसी भी सहारे के बिना चुंबकीय बल से स्थिर रहेगी।
-
अफसराएं: मंदिर के अंदर अफसराओं की मूर्तियाँ भी हवा में लटकी हुई दिखाई देंगी, जो इसकी अद्वितीयता को और बढ़ाती हैं।
📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1975 तक, पाटेश्वर धाम में 12 गांवों के लोग जानवरों की बलि देते थे। संत राजयोगी बाबा ने इस प्रथा का विरोध किया और कई प्रयासों के बाद इसे समाप्त करने में सफल रहे। यह परिवर्तन मंदिर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने इसे एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थल में परिवर्तित किया।
🗺️ पाटेश्वर धाम कैसे पहुँचें?
-
सड़क मार्ग: पाटेश्वर धाम दल्ली, राजनांदगांव और बालोद से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
-
रेल मार्ग: रायपुर से राजनांदगांव तक रेल यात्रा कर, डौंडीलोहारा होते हुए मंदिर पहुँचा जा सकता है।
-
बस सेवा: राजनांदगांव और बालोद से हर 15 मिनट में डौंडीलोहारा के लिए बसें उपलब्ध हैं।
🏨 ठहरने और खाने की सुविधाएँ
डौंडीलोहारा और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न होटल, गेस्ट हाउस और भोजनालय उपलब्ध हैं, जहाँ श्रद्धालु आरामदायक ठहराव और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं।
📸 यात्रा के सुझाव
-
मंदिर की भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए कैमरा साथ रखें।
-
त्योहारों के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें भाग लेना एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है।
-
मंदिर परिसर में स्वच्छता और शांति बनाए रखें।
पाटेश्वर धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक भी है। यहाँ की यात्रा आत्मिक शांति और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव कराती है।
0 Comments