छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित दल्लीराजहरा के समीप बसी है एक अद्वितीय धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर – जय माँ दुर्ग डोंगरी किल्लेवाली माता मंदिर। यह स्थान न केवल भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि यह क्षेत्र एक सुंदर पिकनिक स्पॉट और एडवेंचर टूरिज्म के रूप में भी उभर रहा है।
🌿 प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम
यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ से चारों ओर का घना जंगल, सात पहाड़ियों का मनोरम दृश्य और नीचे फैला बोइरडीह जलाशय एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
⛰️ मंदिर से करीब 15 किलोमीटर दूर तक फैले गाँवों का नज़ारा भी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस शांत और पवित्र स्थान की सुंदरता के चलते मंदिर समिति द्वारा इसे पर्यटन स्थल घोषित करने की माँग की जा रही है।
🧭 कहाँ स्थित है किल्लेवाली माता मंदिर? (Location & Access)
- यह मंदिर दल्लीराजहरा से 7 किमी दूर कोटागांव में स्थित है।
- यह 12 गांवों की कुलदेवी मानी जाती हैं।
- मुख्य मार्ग: दल्लीराजहरा से महामाया माइंस जाने वाला रास्ता
- मंदिर तक पहुँचने के लिए अंतिम 1 किलोमीटर की यात्रा टेढ़े-मेढ़े पथरीले जंगल के रास्ते से पहाड़ी पर चढ़कर करनी होती है।
🛣️ यह रास्ता थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन प्रकृति की गोद में एक दिव्य स्थल तक पहुँचने का रोमांच अपने आप में अनोखा अनुभव है।
🌟 इस स्थान की विशेषताएँ
✅ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
✅ रोमांचक ट्रैकिंग अनुभव
✅ प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल
✅ शांत वातावरण और प्राकृतिक दृश्य
🙏 श्रद्धालुओं के लिए संदेश
इस पावन स्थल पर आकर माता किल्लेवाली से आशीर्वाद प्राप्त करें, अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करें और साथ ही प्राकृतिक वातावरण में शांति और ऊर्जा का अनुभव करें।
📍नोट: पहाड़ी रास्ता पथरीला और जंगल से होकर जाता है, इसलिए उपयुक्त जूते पहनकर आएं और बच्चों के साथ सावधानी बरतें।
लेखक: DAILYVIRALNEWSDILLI
तिथि: 22 अप्रैल 2025
श्रेणी: छत्तीसगढ़ पर्यटन | धार्मिक स्थल | ट्रैकिंग डेस्टिनेशन
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