डार्क मैटर और डार्क एनर्जी: अदृश्य ब्रह्मांड के रहस्य

 

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी: अदृश्य ब्रह्मांड के रहस्य

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारा ब्रह्मांड वास्तव में किससे बना है? तारे, ग्रह, आकाशगंगाएँ - हम जो कुछ भी देखते हैं वह सिर्फ़ हिमशैल का सिरा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्रह्मांड का लगभग 95% भाग दो रहस्यमय चीज़ों से बना है: डार्क मैटर और डार्क एनर्जी। आइए इन्हें सरल भाषा में समझते हैं।

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डार्क मैटर क्या है?

कल्पना कीजिए कि एक हिंडोला बहुत तेज़ी से घूम रहा है। सामान्य तौर पर, उसमें बैठे घोड़े बाहर की ओर उड़ जाते, लेकिन अगर कोई उन्हें जकड़े हो तो वे जमे रहते हैं।

ऐसा ही कुछ वैज्ञानिकों ने 20वीं सदी में आकाशगंगाओं के साथ देखा। वे इतनी तेजी से घूम रही थीं कि दृश्यमान तारे और गैस उन्हें एक साथ रखने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इसका मतलब था कि कोई अदृश्य बल उन्हें बाँधे हुए है।

1930 के दशक में स्विस खगोलशास्त्री फ्रिट्ज़ ज़्विकी ने पहली बार इस रहस्य की ओर इशारा किया जब उन्होंने कोमा क्लस्टर का अध्ययन किया। इसके बाद 1960 और 70 के दशकों में वेरा रुबिन और केंट फोर्ड ने भी एंड्रोमेडा आकाशगंगा में ऐसी ही विसंगति को देखा।

यहीं से डार्क मैटर की अवधारणा सामने आई। यह एक ऐसा पदार्थ है जो ना तो प्रकाश को परावर्तित करता है, ना अवशोषित करता है और ना ही उत्सर्जित करता है, लेकिन इसमें द्रव्यमान होता है और यह गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि डार्क मैटर की मात्रा दृश्यमान पदार्थ से 5-6 गुना ज्यादा है।

इस रहस्य को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर और भूमिगत डिटेक्टरों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई डार्क मैटर कण प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिला है।

डार्क एनर्जी क्या है?

डार्क मैटर जहाँ ब्रह्मांड को खींचता है, वहीं डार्क एनर्जी इसे दूर-दूर तक फैलाती है - और वो भी तेज़ गति से!

1990 के दशक के अंत में दो स्वतंत्र वैज्ञानिक टीमों ने, जिनमें सॉल पर्लमटर, ब्रायन श्मिट और एडम रीस शामिल थे, यह खोज की कि दूर के सुपरनोवा हमारी अपेक्षा से कहीं तेज़ी से दूर जा रहे हैं। इससे यह साबित हुआ कि ब्रह्मांड का विस्तार धीमा नहीं हो रहा, बल्कि तेज़ हो रहा है

यह गति बढ़ाने वाली शक्ति ही डार्क एनर्जी है, जो एक रहस्यमयी ऊर्जा की तरह पूरे अंतरिक्ष में फैली हुई है। वैज्ञानिक इसे "एंटी-ग्रेविटी" भी कहते हैं क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण के विपरीत काम करती है।

यह ब्रह्मांड की कुल ऊर्जा का लगभग 68-70% भाग बनाती है। डार्क एनर्जी वास्तव में क्या है - यह आज भी भौतिकी का सबसे बड़ा अनसुलझा प्रश्न बना हुआ है। कुछ वैज्ञानिक इसे वैक्यूम ऊर्जा मानते हैं, तो कुछ का मानना है कि यह अभी पूरी तरह से अज्ञात शक्ति है।


हमारा ब्रह्मांड जितना दिखता है, उससे कहीं ज़्यादा जटिल और रहस्यमयी है। डार्क मैटर और डार्क एनर्जी मिलकर ब्रह्मांड की संरचना और भविष्य दोनों को नियंत्रित करते हैं।

वैज्ञानिक लगातार नई खोजों के ज़रिए इन रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। भविष्य में हो सकता है कि हम ऐसे उत्तर पाएँ जो विज्ञान की परिभाषाएँ ही बदल दें!

आपका विचार?

क्या आपको लगता है कि वैज्ञानिक जल्द ही डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के रहस्यों से पर्दा हटा पाएँगे?

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